क्या फिर से विंध्य प्रदेश की स्थापना संभव है? कैसे ...?
 
आधी रोटी खायेगा, विंध्य प्रदेश बनायेंगे।
मैं विंध्य प्रदेश हूँ मेरा जन्म 1948 में हुआ लेकिन 1956 में मुझे नष्ट कर दिया गया जिससे मैं शैशव काल में ही विलीन हो गया लेकिन फिर भी मैं बघेलखंड और बुंदेलखंड के कण-कण में हूँ हर विंध्यवासियों के धड़कन और जेहन में आपके विचार और सपने में हू, मैं रविंद्र नाथ टैगोर के टैगोर के राष्ट्रगान के पंक्ति में हूं मैं क्षत्रसाल के वीरता में हूं मैं बघेली में हूं मैं राई में हूं मैं जीत में हूं मैं लिखों में हूं मैं खेतों में मैं खलिहानो में हूं मैं कहीं नहीं हूं। लेकिन मैं केवल अस्तित्व में नहीं हूं शायद विंध्य प्रदेश वासियों द्वारा ऐसा कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया था मैं फिर से अस्तित्व में आना चाहता हूं और विंध्य प्रदेश के निवासियों के दुख: दर्द दूर करके उन्हें एक उत्कृष्ट प्रदेश के रूप में ढेर सारा प्यार देना चाहता हूं। जो अगनित हो अवर्णीय हो



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